जय जय गिरिधारी प्रभु
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
दानव-दल-बलहारी,गो-द्विज-हितकारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
जय गोविन्द दयानिधि,गोवर्धन-धारी।
वन्शीधर बनवारीब्रज-जन-प्रियकारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
गणिका-गीध-अजामिलगजपति-भयहारी।
आरत-आरति-हारी,जग-मन्गल-कारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
गोपालक, गोपेश्वर,द्रौपदि-दुखदारी।
शबर-सुता-सुखकारी,गौतम-तिय तारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
जन-प्रह्लाद-प्रमोदक,नरहरि-तनु-धारी।
जन-मन-रञ्जनकारी,दिति-सुत-सन्हारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
टिट्टिभ-सुत-सन्रक्षकरक्षक मन्झारी।
पाण्डु-सुवन-शुभकारीकौरव-मद-हारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
मन्मथ मन्मथ मोहन,मुरली-रव-कारी।
वृन्दाविपिन-विहारीयमुना-तट-चारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
अघ-बक-बकीउधारक तृणावर्त-तारी।
बिधि-सुरपति-मदहारी,कन्स-मुक्तिकारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
शेष, महेश, सरस्वतिगुन गावत हारी।
कल कीरति-बिस्तारीभक्त-भीति-हारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
नारायण शरणागत,अति अघ, अघहारी।
पद-रज पावनकारीचाहत चितहारी॥
जय जय गिरिधारी प्रभु,जय जय गिरिधारी।
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